बच्चों में गठिया की समस्या को जुवेनाइल अर्थराइटिस कहा जाता है ,यह एक सामान्य तरह की मस्कुलर स्केलेटल समस्या है जो कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है । इस स्थिति में बच्चों के शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला शुरू कर देती है । कुछ आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों से यह गठिया हो सकता है।
इस बीमारी के लक्षण
इस स्थिति में बच्चों को कोई एक जोड़ियां कई अन्य जोड प्रभावित हो सकते हैं ,जोड़ों में लगातार दर्द बना रहता है। जकड़न का एहसास होता है खासकर सुबह में या देर तक बैठे रहने के बाद ऐसा होता है ।सूजन से त्वचा पर छाती पर लाल या गुलाबी रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं और बुखार रहता है ।लिंफ नोड में सूजन आ जाती है चलने फिरने में समस्या तथा कमजोरी इसके मुख्य लक्षण में से एक है। उपचार ना कराने पर आंखों में सूजन ,मोतियाबिंद, ग्लूकोमा यहां तक कि अंधापन हो सकता है और आपके बच्चों के हड्डियों के विकास में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है
इलाज कैसे करें।–
समय पर दवा लेना
शुरू में दर्द व सूजन घटाने के लिए नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स दी जाती है।।
एक्सरसाइज व्यायाम।
बच्चों को व्यायाम करने से उनके हड्डियों के जोड़ सक्रिय और लचीले रहते हैं, वजन काबू में रहता है। अच्छी नींद आती है और तनाव कम रहता है ,तेराकी ,साइकिलिंग, योग स्टेचिंग आदि बढ़िया व्यायाम है आइसोमेट्रिक में बिना जोड़ों पर दबाव पड़े मांसपेशियां मजबूत बनती है ,इनमें प्लान स्क्वाट्स वालों सीट और लेग एक्सटेंशन प्रमुख है। आइसोटोनिक व्यायाम से मांसपेशियों और जोड़ों में गतिशीलता बनी रहती है इनमें एरोबिक ,डांसिंग, तेराकी वाकिंग शामिल है।
संतुलित आहार
विटामिन डी और फाइबर युक्त चीजें खाना चाइए, उसका इस्तेमाल ज्यादा करें। चीनी का कम इस्तेमाल करें और ताजा फल सब्जियां साबुत अनाज खाएं।
यह बीमारी कितनी आम है?
जे. आई. ए एक असामान्य बीमारी है जो 1000 में से 1-2 बच्चों को प्रभावित करती है ।
क्या यह अनुवांशिक बीमारी है ?
जे.आई.ए. एक अनुवांशिक बीमारी नहीं है क्योंकि यह माता-पिता से सीधे बच्चों में नहीं होती, किंतु कुछ अनुवांशिक कारणों से यह बीमारी कुछ लोगों में ज्यादा पाई गई है जिन कारणों का अभी पता नहीं लगा है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह बीमारी अनुवांशिक कारणों एवं पर्यावरण ( संक्रमण) का मिला जुला परिणाम है।